पीटने वाले शिक्षक को मिली अनोखी सजा !
बच्चों द्वारा गलती करने पर शिक्षक द्वारा उन्हें 101 बार स्लेट पर यह लिखने की सजा देने की बात सुनी थी कि “मैं ऐसी गलती दुबारा नहीं करूंगा”, लेकिन .....
दोस्ती में 10 गलतियां...दोस्ती दुनिया का सबसे हसीन रिश्ता है। एक सच्चा दोस्तहमारी जिंदगी को नई राह दे सकता है। लेकिन अक्सर हमलोग छोटी - छोटी गलतियों या भूलों की वजह से अपनाबेशकीमती दोस्त खो देते हैं। आज फ्रेंडशिप डे के मौके परएक्सपर्ट्स से बात करके हम आपको बता रहे हैं ऐसी हीचंद भूलों के बारे में , जिनसे आपको बचना....
मुंबई की कीमत सिर्फ 537 रुपए!
विचित्र किंतु सत्य
(जीवन में जहां कहां दृष्टि जाती है विचित्रिताएं दिखाई देती हैं। इनमें से कितनी ही हमारी निगाह में आ जाती हैं और वे समाचार के रूप में प्रकाशित भी हो जाती हैं। ऐसी ही विचित्र किंतु सत्य घटनाओं और समचारों का संकलन यहां आपके लिए प्रस्तुत है।) विश्व के सबसे महंगे महानगरों में से एक मुंबई का मूल्य आज से .... टमाटर दुनिया को चीन की देन है!
विचित्र किंतु सत्य
(जीवन में जहां कहां दृष्टि जाती है विचित्रिताएं दिखाई देती हैं। इनमें से कितनी ही हमारी निगाह में आ जाती हैं और वे समाचार के रूप में प्रकाशित भी हो जाती हैं। ऐसी ही विचित्र किंतु सत्य घटनाओं और समचारों का संकलन यहां आपके लिए प्रस्तुत है।) अपने लाल सुर्ख रंग से सब्जी मंडी की रौनक बढ़ाने वाला और खाने की मेज पर हर किसी को ललचाने वाला टमाटर सब्जियों में फल माना जाता है और फलों में सब्जी। टमाटर कितना प्राचीन है, ये ठीक से कोई नहीं बता पाता। लेकिन हाल के एक प्रयोग से इतना साबित हो गया कि कम से कम दो हजार वर्ष पहले टमाटर दुनिया में मौजूद था। चीन के एक समाचार पत्र के अनुसार, मध्य चीन के चेंगडू में, जो सिचुआन राज्य में है, अंवेषण के दौरान पुरात्तत्ववेत्ताओं को अनेक ऐसी वस्तुएं मिलीं, जो कोयले का रूप ले चुकी थी। एक कब्र के ऊपर उन्हें ऐसे बीज मिले, जो फलों के प्रतीत हो रहे थे। पुरात्तत्ववेत्ताओं ने उस स्थान को गीले-गरम कम्बल से ढक दिया और दूसरे स्थान पर अपने काम में लग गए। करीब एक माह बाद वे लौटे और कंबल उठाया तो पाया कि वहं लगभग 40 अंकुर निकल आए हैं। अंकुर बढ़ते रहे और पौधे बन गए और फिर उनमें फल भी लगने लगे। पहले तो ये फल खजूर जैसे लगे परंतु जब बाद में और बढ़े तो अंडे जितने हो गए। विशेषज्ञों ने इन फलों का तरह-तरह से परीक्षण किया और अंत में घोषित कर दिया कि से टमाटर ही हैं। अब इन फलों को लेकर चीन में गरमागरम बहस छिड़ी है और दावा किया जा रहा है कि टमाटर दुनिया को चीन की देन है। हंसमुख लोग जीवन में ज्यादा सफल होते हैं!
जीवन में हम किसी भी तरह की स्थिति में रहें, हमें विश्वास करने में पीछे नहीं रहना चाहिए। विजेता हमेशा अपनी जीत के प्रति आशान्वित रहते हैं। इसका उल्टा भी सच है कि आशावान एवं मुस्कुराने वाले ही साधारणतया....
बीवी बड़ी या भैंस....?
विचित्र किंतु सत्य
(जीवन में जहां कहां दृष्टि जाती है विचित्रिताएं दिखाई देती हैं। इनमें से कितनी ही हमारी निगाह में आ जाती हैं और वे समाचार के रूप में प्रकाशित भी हो जाती हैं। ऐसी ही विचित्र किंतु सत्य घटनाओं और समचारों का संकलन यहां आपके लिए प्रस्तुत है।) सिसिला थाना क्षेत्र निवासी श्रीमती मीनाकुमारी के विवाह के समय उसके पिता ने दामाद को एक भैंस दहेज में देने का वादा किया था, जो शादी के वक्त पूरा नहीं हुआ तो दामाद ने दहेज की अदायगी के लिए अपनी पत्नी को नेपाल के श्री पुष्कर राजा के हाथ 3 हजार रुपए में बेच दिया और उस रकम से भैंस खरीद ली। जब दुल्हा घोड़ी की जगह हुआ सूअर पर सवार!
विचित्र किंतु सत्य
(जीवन में जहां कहां दृष्टि जाती है विचित्रिताएं दिखाई देती हैं। इनमें से कितनी ही हमारी निगाह में आ जाती हैं और वे समाचार के रूप में प्रकाशित भी हो जाती हैं। ऐसी ही विचित्र किंतु सत्य घटनाओं और समचारों का संकलन यहां आपके लिए प्रस्तुत है।) कानपुर में एक दुल्हे को अपनी घोड़ी छोड़कर सूअर पर सवार होकर काफी दूर तक जाना पड़ा। घटना इस प्रकार हुई कि जैसे ही बारात गोविंदनगर से चली, वैसे ही गली के कुछ कुत्ते पास में खड़े हुए एक सूअर पर झपट पड़े और सूअर भागते हुए घोड़ी से टकरा गया। घोड़ी इस अप्रत्याशित आघात से घबरा गई और उछल पड़ी। तभी घोड़ी पर बैठा हुआ दूल्हा छिटककर सूअर की पीठ पर आ गिरा। सूअर के चिल्लाने और भागने पर दूल्हे राजा घबराहट में उसकी पीठ से चिपक गए और सूअर उन्हें काफी दूर तक ले गया और एक नाली में गिराकर भाग गया। इस चक्कर में बारात एक घंटे बाद फिर से चली और अब की बार दूल्हा घोड़ी पर न बैठकर पैदल ही चल रहा था। जिंदगी के हर पल की योजना बनाकर जिएं
आप अपने जीवन के बारे में कैसा महसूस करते हैं? पिछले वर्ष जो भी आपकी इच्छा थी या इस वर्ष जो भी है, क्या आपने सबको पाया? यदि आपने नहीं पाया तो यह सवाल करने का समय है कि आपका समय कहां चला गया या जो आप करना चाहते थे, उस कार्य को करने के लिए आप सक्षम क्यों नहीं हुए।
लेख: नौकरी के इंटरव्यू पर जा रहे हो, तो ये पढ़े!
बहुत सारे आवेदको लिए साक्षात्कार एक कठिन समय होता है। इंटरव्यू की तैयारी सही तरह से की जाए तो उसे सफलता पूर्वक संपन्न किया जा सकता है। इंटरव्यू में जाने से पहले पहनावा,व्यक्तित्व,कार्य विवरण की पूर्ण जानकारी तथा नियोक्ता द्वारा किये जा सकने वाले प्रश्नों की तैयारी आपके इंटरव्यू को 70% पूर्ण करती है। किसी भी इंटरव्यू में चिंता करने के बजाए तैयारी पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।
आजकल हर आवेदक जानता है की किस तरह......... एक जमाना टीवी का
मेरे शहर में टेलीविजन का आगमन 1983-84 में हुआ था। मेरे मौहल्ले में सबसे पहले टीवी मेरे ....
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