बेंगलूर। न्यूजीलैंड की दूसरी पारी चौथे दिन के शुरुआती आधे घंटे के खेल में 248 रन बनाकर आउट हो गई। पहली पारी में मिली 12 रनों की बढ़त के आधार पर किवी टीम ने भारत के सामने जीत के लिए 261 रनों का लक्ष्य रखा। बारिश और चायकाल के बाद खेल शुरू होने पर सचिन तेंदुलकर [27] और चेतेश्वर पुजारा [48] भी आउट हो गए। भारत का स्कोर इस समय पांच विकेट पर 189 रन है और मेजबान जीत से अभी 72 रन दूर हैं जबकि पांच विकेट शेष है। समाचार लिखे जाने के समय पहली पारी में शतक लगाने वाले विराट कोहली [14] और कप्तान धौनी [13] क्रीज पर खेल रहे हैं। सचिन और पुजारा के बाद सुरेश रैना [0] आउट हो गए। किवी टीम की तरफ जीतन पटेल ने तीन विकेट झटके हैं। भारत ने हैदराबाद में हुए पहले टेस्ट मैच में किवी टीम को पारी और 115 रनों से हराकर सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है। लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने तेज शुरुआत करने के बाद दोनों सलामी बल्लेबाजों के विकेट खो दिए। ओपनरों गौतम गंभीर [34] व वीरेंद्र सहवाग [38] ने आतिशी बल्लेबाजी करते हुए तेजी से रन बनाना शुरू किया और पहले विकेट के लिए 77 रनों की साझेदारी की। पिछली 12 पारियों में इस जोड़ी ने पहली बार अर्धशतकीय साझेदारी की। जीतन पटेल के पहले ओवर में छक्का व चौका लगाने के बाद आगे बढ़कर एक और शाट मारने के प्रयास में बोल्ड हो गए। शुरुआती झटके के बाद संयम से खेलने वाले गंभीर भी थोड़ी देर बाद ट्रेंट बाल्ट की गेंद पर कैच थमा बैठे। गंभीर ने बाहर जाती गेंद पर बल्ला अड़ा दिया और स्लिप में खड़े रॉस टेलर ने आसान कैच लपक लिया। लंच के बाद आई बारिश के कारण खेल काफी देर तक रुका रहा। मैच जब दुबारा शुरू हुआ तो सचिन तेंदुलकर [27] टिम साउथी की गेंद पर बोल्ड हो गए । दूसरी पारी में भी सचिन टिम साउथी की गेंद पर बोल्ड हो गए। सचिन टेस्ट सीरीज में लगातार तीसरी बार बोल्ड हुए हैं। 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ ऐसा दूसरी बार हुआ है जब वह लगातार तीन बार बोल्ड हुए हैं। थोड़ी देर बार चेतेश्वर पुजारा भी पटेल की गेंद पर स्विप लगाने के प्रयास में डेनियल फ्लिन को कैच थमा बैठे। पुजारा ने 48 रन बनाए। पुजारा और तेंदुलकर ने तीसरे विकेट के लिए 69 रनों की उपयोगी साझेदारी की। जल्दी-जल्दी दो विकेट गंवाने से संकट में दिख रही भारत को एक और झटका जल्द लगा जब सुरेश रैना भी शॉट खेलने के प्रयास में पटेल की गेंद पर बोल्ड हो गए। पहली पारी में पचासा लगाने वाले रैना इस बार खाता भी नहीं खोल सके। न्यूजीलैंड ने पहली पारी में 365 रन बनाए जिसके जवाब में भारतीय टीम 353 रन बनाकर आउट हो गई थी। न्यूजीलैंड की दूसरी पारी का अंतिम विकेट जहीर खान ने लिया। जहीर ने जीतन पटेल [22] को धौनी के हाथों कैच आउट कराया। पटेल और ट्रेंट बाल्ट [नाबाद 4] के बीच 26 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी हुई थी। हालांकि अंपायर ने जीतन को आउट का फैसला गलत साबित हुआ क्योंकि टीवी रिप्ले में गेंद बल्ले को छूकर नहीं गई थी। न्यूजीलैंड की ओर से दूसरी पारी में जेम्स फ्रैंकलिन ने सर्वाधिक 41 रनों का योगदान दिया। फ्रैंकलिन के अलावा कप्तान रॉस टेलर ने 35, डेनियल फ्लिन व क्रूगर वान विक ने 31-31 रन बनाए। भारत की ओर से आर अश्विन [5] के अलावा प्रज्ञान ओझा और उमेश यादव ने दो-दो विकेट निकाले।
पहले टी20 में निगाहें रहेंगी युवराज पर
युवराज विश्वकप 2011 में मैन ऑफ द टूर्नामेंट चुने गये थे लेकिन इसके कुछ दिन बाद ही पता चला था कि उनके दोनों फेफड़ों के बीच में कैंसर है। जब यह पता लगा तो उनका करियर खतरे में दिखने लगा लेकिन उन्होंने कीमोथेरेपी के तीन चरणों से गुजरने के बावजूद कुछ महीनों बाद ही क्रिकेट में वापसी कर ली
कैंसर को मात देकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करने वाले भारत के विश्वकप के नायक युवराज सिंह शनिवार को यहां जब न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टवेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में मैदान पर उतरेंगे तो सभी की निगाहें बायें हाथ के इस बल्लेबाज पर ही टिकी रहेंगी।
इस 30 वर्षीय क्रिकेटर ने बेंगलुरु की नेशनल क्रिकेट अकैडमी में कड़ा अभ्यास किया है और जब शनिवार वह मैदान पर उतरेंगे तो अपनी खास छाप छोड़ना चाहेंगे। क्रिकेट के मैदान पर ऐसा कभी नहीं हुआ तथा युवराज जब नौ महीने के बाद फिर से भारतीय पोशाक पहनेंगे तो निश्चित तौर पर इससे आने वाली पीढ़ियां प्रेरित होंगी।
अमेरिका में उपचार के बाद मीडिया की आंखों का तारा बनने के बावजूद युवराज ने अपनी फिटनेस और फुर्ती हासिल करने के लिये एनसीए में जमकर पसीना बहाया। वह बेहतरीन वापसी करने में सफल रहते हैं या नहीं लेकिन सचाई यही है कि उन्होंने कैंसर को मात देकर वापसी की और यह आगे क्रिकेटिया किस्सों का अहम हिस्सा बन जाएगा।
युवराज ने कहा कि मैंने एनसीए में तीन अभ्यास मैच खेले। मुझे न्यूजीलैंड के खिलाफ आठ और 11 सितंबर को होने वाले दो मैचों में मैच अभ्यास का मौका मिलेगा। इसके बाद मैं दो और अभ्यास मैच खेलूंगा। इस तरह से विश्वकप से पहले मैं सात मैच खेल लूंगा। यह मेरे लिये पर्याप्त मैच अभ्यास होगा।
युवराज ने आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ पिछले साल नवंबर में कोलकाता टेस्ट के रूप में खेला था। उन्होंने अपना अंतिम टवेंटी-20 मैच नौ जनवरी 2011 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था।
न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाले दोनों टवेंटी-20 मैच श्रीलंका में 18 सितंबर से होने वाले टवेंटी-20 विश्वकप के लिये भारतीय अभियान के लिये उल्टी गिनती जैसे होंगे। आगे का टवेंटी-20 का कार्यक्रम काफी व्यस्त है।
विश्वकप के बाद दक्षिण अफ्रीका में चैंपियन्स लीग खेली जाएगी। ऐसे में भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ जीत के साथ शुरुआत करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। भारत ने न्यूजीलैंड को दो टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-0 से हराकर घरेलू सत्र की शानदार शुरुआत की।
न्यूजीलैंड के खिलाफ टवेंटी-20 सीरीज से हरभजन सिंह की भी वापसी होगी। यह स्टार ऑफ स्पिनर पिछले साल इंग्लैंड दौरे के बाद से भारत की तरफ से नहीं खेला है। युवराज और हरभजन दोनों ही 2007 के टी20 और 2011 के वनडे विश्वकप विजेता टीम का हिस्सा थे।
यदि फॉर्म देखी जाए तो विराट कोहली ने पिछले कुछ समय में सभी प्रारूपों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है और उन पर यहां भी निगाहें टिकी रहेंगी। सुरेश रैना को भी छोटे प्रारूप में अच्छे प्रदर्शन के लिये जाना जाता है। मध्यक्रम में रोहित शर्मा को खुद को साबित करना होगा क्योंकि अब चूकने पर उन्हें प्रतिभाशाली मनोज तिवारी के लिये जगह खाली करनी पड़ सकती है।
वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर की सलामी जोड़ी को भी अपने तीखे तेवर दिखाने होंगे। सहवाग टेस्ट सीरीज में अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में तब्दील नहीं कर पाये थे जबकि गंभीर को भी जूझना पड़ा था लेकिन उन्होंने श्रीलंका में वनडे सीरीज और एकमात्र टवेंटी-20 में अच्छा प्रदर्शन किया था।
भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ डॉ वाइएसआर रेड्डी एसीए वीडीसीए मैदान पर 148 रन की जोरदार पारी खेली थी और वह फिर से महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की कोशिश करेंगे। श्रीलंका दौरे में इरफान पठान के अच्छे प्रदर्शन से गेंदबाजी मजबूत हुई है। लक्ष्मीपति बालाजी ने भी साढ़े तीन साल बाद वापसी की है। यदि उन्हें जहीर खान के साथ गेंदबाजी का आगाज करने का मौका मिलता है तो वह इसका पूरा फायदा उठाने की कोशिश करेंगे।
ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन टेस्ट सीरीज में 18 विकेट लेकर न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों को अपने इशारों पर नचा चुके हैं। छोटे प्रारूप में भी उन्होंने काफी प्रभावित किया है और वह फिर से रोस टेलर एंड कंपनी के लिये परेशानी खड़ी रना चाहेंगे। हरभजन की वापसी के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या दोनों स्पिनरों को ही अंतिम एकादश में जगह दी जाती है या नहीं।
जहां तक न्यूजीलैंड का सवाल है तो लगातार तीन टेस्ट सीरीज (दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज और भारत) गंवाने तथा पिछले तीन टी20 मैच में हारने के बाद अब वह विश्वकप से पहले नई शुरुआत करना चाहेगा। बल्लेबाजी में उसका दारोमदार ब्रैंडन मैकुलम और टेलर पर रहेगा। अनुभवी ऑलराउंडर जैकब ओरम की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी।
जेम्स फ्रैंकलिन भी टी20 में काफी सफल रहे हैं जबकि अनुभवी स्पिनर डेनियल विटोरी की वापसी से टीम को मजबूती मिलेगी। विटोरी चोट के कारण टेस्ट सीरीज में नहीं खेल पाये थे। कीवी टीम के गेंदबाजी आक्रमण की अगुवाई डग ब्रेसवेल और टिम साउथी करेंगे।
टीम इस प्रकार हैं : भारत : महेंद्र सिंह धौनी (कप्तान), गौतम गंभीर, वीरेंद्र सहवाग, विराट कोहली, रोहित शर्मा, युवराज सिंह, सुरेश रैना, इरफान पठान, हरभजन सिंह, रविचंद्रन अश्विन, जहीर खान, लक्ष्मीपति बालाजी, अशोक डिंडा, पीयूष चावला और मनोज तिवारी में से।
अंपायर : एस रवि और सुधीर असनानी। टीवी अंपायर : विनीत कुलकर्णी। चौथा अंपायर : सी शम्सुददीन, मैच रेफरी : क्रिस ब्रॉड। मैच भारतीय समयानुसार शाम सात बजे से शुरू होगा।