प्रिय शिरीष आप धन्य हैं, साथ ही अक्षय कुमार और यूटीवी भी धन्य है, क्योंकि उन्होंने आप की विचित्र कल्पना में निवेश किया। अक्षय कुमार तो आप की फिल्म के हीरो भी हैं। हालांकि रिलीज के समय उन्होंने फिल्म से किनारा कर लिया, लेकिन कभी मिले तो पूछूंगा कि उन्होंने इस विचित्र फिल्म में क्या देखा था? बहरहाल, आप ने अक्षय कुमार और सोनाक्षी सिन्हा को कामयाबी की हैट्रिक नहीं लगाने दी। हाउसफुल-2 और राउडी राठोड़ के बाद अक्षय कुमार को झटका भारी पड़ेगा। वहीं सोनाक्षी सिन्हा दबंग और राउडी राठोड़ के बाद नीचे उतरेंगी। ताश की गड्डी के जोकर को फिल्म के कंसेप्ट में बदल देना और फिर उस पर पूरी फिल्म रचना। आप की कल्पना की उड़ान की दाद देनी पड़ेगी। पगलापुर भारत के नक्शे पर हो न हो, आप के दिमाग में जरूर रहा होगा। और उसका संपर्ककिसी और इंद्रिय से नहीं रहा होगा। आजादी के 65 सालों के विकास से कटे गांव के अक्षय कुमार का नासा पहुंच जाना भी विचित्र घटना है। और फिर उसका भारत लौटना। पगलापुर को ध्यान में लाने के लिए एलियन की कहानी बुनना। लॉजिक तो हिंदी फिल्मों में आम तौर पर नहीं मिलता, लेकिन आप ने तो इलॉजिकल होने की पराकाष्ठा पार की। फिल्म के पोस्टर पर लिखा है कि कभी-कभी एलियन होना ही अकेला विकल्प होता है। आप ने वह विकल्प भी खत्म कर दिया। अब जोकर का क्या होगा? आप के ट्विट में जबरदस्त विट और ह्यूमर रहता है। इतना ज्यादा कि आहत होकर शाहरुख खान आप पर हाथ उठा देते हैं। फिल्म के संवादों और दृश्यों में वह विट और ह्यूमर नदारद है। अक्षय कुमार, सोनाक्षी सिन्हा, अंजन श्रीवास्तव,दर्शन जरीवाला, ब्रजेश हीरजी, मिनिषा लांबा,असरानी,पित्तोबास त्रिपाठी और श्रेयस तलपड़े आदि जैसी प्रतिभाओं का दुरूपयोग कोई आप से सीखे। इनमें से एक-दो कलाकारों के सदुपयोग से •ुछ मामूली फिल्में भी मनोरंजक हो जाती हैं। आप ने तो सभी की प्रतिभा पर पानी फेर दिया। हां, अकेली चित्रांगदा सिंह का काफिराना अंदाज थोड़ी मस्ती दे गया। ऐसी ही मस्ती तीस मार खां की शीला की जवानी में भी थी। बेहतर होगा कि पूरी फिल्म के बजाए आप आयटम सांग ही सोचें और शूट किया करें। एलियन को बैकड्रॉप में रखकर हॉलीवुड के निर्माता एक से एक फिल्में बना रहे हैं। राकेश रोशन की कोई ़ ़ ़ मिल गया भी अच्छी कोशिश थी। और एक आप हैं, आदमी के सिर और शरीर पर सब्जियां चिपका कर एलियन का भी मजाक उड़ाते हैं। शिरीष आप की जोकर फिलहाल 2012 की सबसे साधारण फिल्म है। मुझे तो लगता हे कि दशक की साधारण फिल्मों में भी यह शुमार होगी। मैं फिल्म देख कर आने के बाद से सिरदर्द से परेशान हूं। फिल्म में मन न लगे तो 105 मिनट की फिल्म भी लंबी लगती है।
फिल्म समीक्षा: ‘एक था टाइगर’, सलमान ने फिर दिखाया दम...
18-Aug-2012 फिल्म: एक था टाइगर’ कलाकार: सलमान खान, कैटरीना कैफ, गिरीश कर्नाड, रणवीर शौरी निर्देशक: कबीर खान पिछले कुछ सालों में सलमान खान का कद बॉलीवुड में तेजी से बढ़ा है और इसके साथ ही उनके चाहनेवालों की तादाद भी काफी बढ़ी है। जब-जब सलमान खान फ्रेम में नजर आते हैं, फिल्म पैसा वसूल बन जाती है। फिर चाहे वे कॉमेडी कर रहे हो, या दुश्मनों की धुनाई कर रहे हों। इस हफ्ते सलमान, कैटरीना कैफ की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'एक था टाइगर' प्रदर्शित हुई है। फिल्म रेडी में सलमान साबित कर चुके हैं कि वे एक बुरी और कमजोर फिल्म को भी अपने कंधे पर उठा सकते हैं। लेकिन खुशी की बात यह है कि फिल्म 'एक था टाइगर' रेडी की तरह कमजोर फिल्म नहीं है। सलमान खान ने एक रॉ एजेंट की भूमिका निभाई है, जिसका कोड-नाम टाइगर है। पिछले बारह सालों से उसने छुट्टी नहीं मनाई है और वह एक इंटरनेशनल असाइनमेंट से दूसरे में व्यस्त रहा है। गोपी (रनवीर शौरी) उसका सहायक है। दोनों जासूसों को एक भारतीय मिसाइल वैज्ञानिक का पता लगाने डब्लिन भेजा जाता है, जो अब एक यूनिवर्सिटी प्रोफेसर है। उनके घर में एक लड़की (कैटरीना कैफ) अक्सर नजर आती है। कैटरीना पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई से खुफिया तौर पर जुड़ी हुई हैं। अगर आप सलमान के फैन है, तो यह फैन आपको निराश नहीं करेगी। हमारा मतलब है कि फिल्म में ऐसा कोई सीन नहीं है, जहां आपको सलमान की याद आएगी। वो हर जगह छाए हुए हैं। ऐसा लगता है कि कबीर खान को पता था कि उन्हें अगर फिल्म बेचनी है, तो सिर्फ एक ही आदमी है, जो यह कर सकता है। जब आपको लगता है कि फिल्म अब कैटरीना के इर्द-गिर्द घूमेगी, या फिल्म में कुछ नया होगा, सलमान वापस आ जाते हैं। एक्शन सींस में सलमान पहले से धीमे हैं, लेकिन तकनीक तेज हो गई है। कई दृश्यों में सलमान के डुप्लीकेट का इस्तेमाल किया गया है। लेकिन यह काम इतना सफाई से किया गया है कि लगता नहीं कि इन दृश्यों में सलमान खान मौजूद नहीं हैं। सलमान के रहते हुए भी कैटरीना की खूबसूरती ध्यान खींच लेती है। कबीर खान ने प्लॉट को इस खूबसूरती से तैयार किया है कि जहां-जहां सलमान है, वहां-वहां कैटरीना भी नजर आती हैं। अगर आप सलमान के फैन है, तो यह फिल्म आपको निराश नहीं करेगी। -------------------------------------------------------
62 की उम्र में भी मजबूत हैं नाना पाटेकर!
मुम्बई। अभिनेता नाना पाटेकर की उत्कृष्ट अभिनय करने की इच्छा 62 साल की उम्र में भी कम नहीं हुई है, तभी तो उन्होंने पीठ दर्द के बावजूद 'कमाल धमाल मालामाल' की शूटिंग में एक दृश्य के लिए श्रेयस तलपड़े को अपने कंधे पर उठा लिया। अरे, नाना ने कैसे छुड़वा दी प्रियदर्शन की सिगरेट? पर्सेप्ट पिक्चर्स द्वारा निर्मित इस फिल्म की शूटिंग के लिए नाना पीठ में चोट लगने के बावजूद समय पर पहुंच गए। नाना का मानना है कि चोट मेहमान की तरह होती हैं। हैप्पी बर्थडे: मनीषा कोइराला की जिंदगी से जुड़ी 15 बातें उन्होंने कहा कि यदि आप उनकी अच्छी तरह से देखभाल करेंगे तो वे (चोट) जाने से इंकार कर देंगे। आप को इन चोटों के प्रति बेपरवाह रहना होगा तभी वे आप को जल्द से जल्द छोड़ेंगी। प्रियदर्शन निर्देशित इस फिल्म में नाना ने श्रेयस को एक दृश्य में कंधे पर उठाया है। नाना इसके लिए स्वास्थ्य के प्रति अपनी जागरुकता को श्रेय देते हैं। ----------------------------------------- तो बारिशबारिश में केवल पानी नहीं प्रेम भी बरसता है आकाश से। प्रेमोत्सव के लिए धरती पहन लेती है हरी चूनर पक्षी चटक रंग के कपड़े खुशी से फूल उठते हैं गर्भ से गौरवान्वित बीज। प्रत्येक धमनी में अनजाने बह उठता है हारमोनों का ज्वार जिसमें डूबता उतराता है मन प्रेम के लिए व्याकुल प्राण प्रेम ही मांगते हैं जीवन अपनी विराट जिजीविषा में मानता नहीं कोई बंधन फैलता ही जाता है। ब्रह्म को विस्तीर्ण होने की जितनी गहरी अभिलाषा होती है उस साल उतनी तो बारिश होती है।
फिल्म समीक्षा: दिल से बनाई गई है ‘शीरीं फरहाद..’
नई दिल्ली (राजीव मसंद की पसंद)। अपने सामने खड़ी किसी भी लड़की के साथ सेटल होने के बजाए ये 45 साल का कुंवारा फरहाद सिर्फ प्यार के लिए ही शादी करना चाहता है। नई निर्देशिका बेला भंसाली सहगल की ‘शीरीन फरहाद की तो निकल पड़ी’ में सेल्समैन के किरदार में बमन इरानी मुंबई की एक पार्सी कॉलोनी में अपनी बूढ़ी मां के साथ रहता है। उसका जॉब हमेशा उसकी शादी में रोड़े डालता है पर जब उसे फराह के रुप में अपनी साथी शीरीन मिल जाती है तो उसकी मां बीच में आ जाती है। हद से ज्यादा प्यारा और रोमांटिक हुए बिना शीरीन फरहाद काम करती है क्योंकि बेला इस साधारण सी कहानी को बड़े ही सादे तरीके से बताती हैं। फिल्म आधारित है प्यार के खिलाफ मां बाप जो कि कुछ नया नहीं है पर संजय लीला भंसाली और बेला के भाई इस घिसे पिटे फॉरमूला को एक अधेड़ उम्र की जोड़ी से जोड़ कर एक नया चेहरा देते हैं। पारसी लोगों के बीच घूमती ये कहानी एक नया एहसास देती है और सारे ही किरदारों से आपको कुछ ना कुछ मजेदार मिलेगा। अच्छी बात ये है कि बेला ने फिल्म में असली पार्सी लोगों से काम करवाया है जो फिल्म को एक असली पहचान देता है। फिल्म के सबसे बड़े आकर्षण हैं बमन और फराह जो अपनी अदाकारी से किरदारों में जान डालते हैं। इस जोड़ी की केमिस्ट्री काफी मजेदार है पर कहीं ना कहीं शीरीन फराहद काफी ज्यादा ही मेलोड्रामा लाते हैं और कुछ हिस्से काफी बचकाने लगते हैं। फिल्म में गानों की भरमार है जो फिल्म की सिर्फ लंबाई बढ़ाने के लिए ही हैं। मैं निर्देशक बेला सहगल की फिल्म को पांच में से तीन स्टार देता हूं। ये दिल से बनाई हुई एक मजेदार फिल्म लगती है। इसे एक मौका दीजिए आप निराश नहीं होंगे।
18-Aug-2012 देश के पहले ट्रूली डेमोक्रेटिक अवार्ड यानी भास्कर बॉलीवुड अवार्ड्स के लिए वोटिंग जोर शोर से जारी है। आप अपने फेवरेट स्टार्स को वोट दे उनके साथ रेड कारपेट पर अपने फेवरेट स्टार के साथ चलने का मौका पा सकते हैं। अवार्ड्स अलग-अलग कैटेगरीज में दिए जाएंगे। हर कैटेगरी में स्टार्स एक-दूसरे को तगड़ा कॉम्पटीशन देते दिख रहे हैं। इनमें से एक कैटेगरी 'बेस्ट बॉलीवुड होस्ट ऑन टीवी' है. इस केटेगरी में पहला नॉमिनेशन संजय दत्त को मिला है जो 'बिग बॉस सीजन 5' को होस्ट करते नजर आए. उन्हें सलमान खान के साथ बतौर होस्ट साइन किया गया और संजू बाबा ने इसमें किसी को निराश नहीं होने दिया. संजय का नाम शो के निर्माताओं को सलमान ने ही सुझाया था. जब संजय को शो के होस्ट बनने का ऑफर मिला तो वह थोड़े नर्वस थे मगर अपने जिगरी दोस्त सल्लू ने उनका बखूबी साथ दिया और संजू बाबा इस साल के बेस्ट टीवी होस्ट की लिस्ट में शामिल हो गए.इस कैटेगरी में दूसरा नॉमिनेशन 'बिग बॉस सीजन 5' के ही होस्ट सलमान खान को मिला है. 'दस का दम' जैसे गेम शो को होस्ट करने के बाद उन्हें 'बिग बॉस सीजन 4' के बाद सीजन 5 की कमान दी गई. 'कौन बनेगा करोड़पति' में बतौर होस्ट अमिताभ बच्चन की लोकप्रियता को अगर कोई टक्कर दे पाए तो वो सलमान खान ही थे. सलमान के चुटीले अंदाज ने इस शो के माहौल को काफी हल्का बनाया जहां 90 दिनों तक घर में बंद लोगों को लोग हमेशा लड़ते झगड़ते ही देखते थे. वहीं सलमान की एंकरिंग शो का मूड काफी हल्का बना देती थी. उनके साथ दूसरे होस्ट संजू बाबा की जबरदस्त केमिस्ट्री ने भी शो को हिट बना दिया और इस तरह सलमान भी हमारी 'बेस्ट होस्ट ऑन टीवी' की नॉमिनेशन लिस्ट में शामिल हो गए.इस कैटेगरी में अगला नॉमिनेशन मिला है बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन को जो पिछले 11 सालों से छोटे परदे पर एंकरिंग के मामले में राज़ करते आ रहे हैं. कई बड़े स्टार्स छोटे परदे पर एंकरिंग करते नजर आए मगर उनकी लोकप्रियता से आगे आज तक कोई नहीं निकल पाया. टीवी पर जब वह देवियों और सज्जनों बोलकर करोड़पति बनने का सपना दिखाते हैं तो सड़कें सूनी हो जाती हैं और लोग अपने काम छोड़कर टीवी से चिपकने को मजबूर हो जाते हैं.इस शो के अब तक छह सीजंस आ चुके हैं मगर आज तक इसका क्रेज कम नही हुआ. बिग बी का क्रेज लोगों पर इस कदर हावी है कि एक सीजन में जब शाहरुख़ इस शो के होस्ट बने तो टीआरपी बुरी तरह गिर गईं और निर्माताओं को यह सबक मिल गया कि कौन बनेगा करोड़पति के लिए बिग बी से अच्छा कोई और एंकर हो ही नहीं सकता. ऐसे में इस केटेगरी के अन्य नॉमिनेटेड स्टार्स के लिए बिग बी से जीत पाना बहुत ही टेड़ी खीर साबित होने वाला है. चौथा नॉमिनेशन मिला है आमिर खान को जो अपने शो सत्यमेव जयते के जरिए टेलीविजन के इतिहास में नया अध्याय जोड़ गए. आमिर ने इस शो के जरिए देश के ज्वलंत मुद्दों को इतनी सहजता से पेश किया कि देखना वाला सोचने पर मजबूर हो गया और इस देश की समस्याओं का हल खोजने में अपना योगदान देने के लिए तत्पर हो उठा. पांचवा नॉमिनेशन पाया है चुलबुली प्रिटी जिंटा ने अपने चैट शो 'अप क्लोज एंड पर्सनल विथ प्रिटी जिंटा' के लिए. प्रिटी इस कैटेगरी में अकेली फीमेल नॉमिनी हैं और देखना ये है कि क्या वह बिग बी,सलमान और आमिर जैसे दिग्गज स्टार्स को पछाड़कर इस अवॉर्ड पर कब्ज़ा जमा पाएंगी या नहीं.अंतिम और छटा नॉमिनेशन मिला है करण जौहर को अपने चैट शो कॉफ़ी विथ करण के लिए. बड़े-बड़े स्टार्स इस शो में आकर करण के आगे यूँ अपने राज़ खोल जाते हैं जो किसी अन्य एंकर के बस की बात नहीं. ऐसे में करण भी अन्य नॉमि नेटेड स्टार्स को तगड़ी टक्कर दे रहे हैं. तो देर किस बात की.आप भी अपने फेवरेट स्टार्स को इस केटेगरी में वोट देकर उन्हें इस अवॉर्ड को जीतने में उनकी मदद कीजिए...आपका वोट आपको आपके फेवरेट स्टार के साथ भास्कर बॉलीवुड अवॉर्ड्स की रेड कारपेट पर उनके साथ चलने का मौका दिला सकता है..भास्कर बॉलीवुड अवॉर्ड्स भारत का पहला ऐसा अवार्ड है जहां कोई ज्यूरी नहीं, दर्शक तय करते हैं अपना सुपरस्टार’। ----------------------------------------------